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आप भी आस-पास में देखते रहे की कोई नंदी, गौमाता, बछड़ा अकेला है और कोई मुसीबत में दिखाई दे तो हमें बताये या फिर आस पास के लोगो को अवगत करे | इससे लोगो में जागरूकता बढ़ती है | आप किसी भी प्रकार का सेलिब्रेशन – जन्मदिन , उत्सव , एकादशी , कथा , कीर्तन , पुण्यतिथि के लिये इकठ्ठे हो तो गौमाता को ना भूले | हमारी गौशाला में आकर अपने हाथो से थोड़ा जल पान कराने से आत्म संतुष्टि प्राप्त होगी | भारत में कई उत्सव आते है – नवरात्री , रामनवमी , शिवरात्रि होली, दशहरा , गोपाष्टमी, गुरुपूर्णिमा, एकादशी, मकर संक्रांति , छठ की पूजा , कड़वा चौथ , श्रावण मास , जन्माष्टमी , दीवाली ….. सारे उत्सव दूध और मिठाई के बगैर नहीं मनाये जाते !! तो दूध देने वाली माँ को क्यू भूल जाते हो ?? हर उत्सव गौमाता के दर्शन और चारा खिलाने से शुरू होना चाहिये , गौमाता के कूबड़ पर, माथे पर, पैरो पर पुरे शरीर पर हाथ फेरकर उसकी ऊर्जा ग्रहण करके उत्सव का आरंभ करो फिर देखे सरे देवता आपके व्रत, जप, तप और पूजा के साथ जुड़ जायेंगे | पुण्यतिथि पर अवश्य गौ दान करे ताकि पुण्यात्मा को उसका फल तुरंत प्राप्त हो | हम पोस्ट कार्ड – लेटर किसीको लिखते है और डाक घर में छोड़ आते है तो हमें विश्वास होता है की वह संबधी के घर तक पहुंच जायेगा – कैसे ? पोस्ट मैन उसे भरकर कई जगह ट्रावेल करके पंहुचा देगा | वैसे ही गौमाता को दे देते वक्त आप जो भाव जिसके लीये मनमे रखते है वह जीस योनि में होगा उसे तुरंत ही लाभ प्राप्त होता है क्युकी पृथ्वी पर गौमाता सबसे शुद्ध पोसिटिव एनर्जी का स्तोत्र है इसीलिये उसे चलता फिरता देवालय – सभी देवताओ की शक्तिओ का वास कहाँ गया है | इसे १ वर्ष व्रत के रूप में अपनाकर देखे परिणाम तुरंत प्राप्त होगा |